मदरसों की फंडिंग पर सवाल उठाने से पहले भाजपा को अपनी फंडिंग का श्रोत बताना चाहिए- शाहनवाज़ आलम

लखनऊ | योगी सरकार द्वारा मदरसों को लेकर अपनाई जा रही नीति का विरोध करते हुए…

लखनऊ | योगी सरकार द्वारा मदरसों को लेकर अपनाई जा रही नीति का विरोध करते हुए यूपी माइनॉरिटी कांग्रेस चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि मदरसों की फंडिंग पर सवाल उठाने से पहले भाजपा को अपनी फंडिंग का श्रोत सार्वजनिक करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि मदरसों ने दलितों-पिछड़ों को पढ़ने का अवसर दिया इसलिए भाजपा मदरसों से चिढ़ती है और विभिन्न प्रकार से मदरसों को निशाना बनाती है. उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा अब मदरसों के भरोसे चुनाव लड़ना चाहती है ?

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कथित अवैध मदरसों पर गठित एसआईटी की रिपोर्ट पर शाहनवाज़ आलम, चेयरमैन अल्पस्यंखक विभाग उत्तर प्रदेश ने योगी सरकार की निंदा की.

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि योगी सरकार मदरसों के भरोसे अपना बेड़ा पार करना चाहती है इसलिए मदरसों को निशाना बना रही है हालांकि सरकार का डूबना तय है.

प्रदेश सरकार द्वारा कथित अवैध मदरसों पर गठित एसआईटी की रिपोर्ट पर जारी प्रेस विज्ञप्ति में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 1999 में राम प्रकाश गुप्ता की भाजपा सरकार और 2000 की राजनाथ सिंह सरकार ने भी मदरसों की छवि खराब करने के लिए ऐसी ही रिपोर्ट जारी करवाई थी.

उन्होंने कहा कि, उस रिपोर्ट में भी नेपाल से सटे ज़िलों के मदरसों को विदेशी फंडिंग से बनाए जाने का दावा किया गया था. लेकिन उस समय भी सरकार इन आरोपों के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं दे पायी थी.

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि एसआईटी के अधिकारियों ने योगी जी को खुश करने के लिए उस समय वाली रिपोर्ट को ही फिर से जारी कर दिया है, जिसका कोई भी आधार नहीं है.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मदरसे, मस्जिद, मंदिर या धर्मशालाओं का निर्माण आम लोगों के चंदे से किया जाता है. अधिकतर लोग दो रुपये और पांच रुपये भी देते हैं. जिसका हिसाब न तो कोई रखता और ना ही ऐसा कर पाना संभव है.

उन्होंने कहा कि मदरसों का फंड पूछने से पहले भाजपा को अपनी फंडिंग का खुलासा करना चाहिए कि उसे 2022 -23 के वित्तीय वर्ष में इलेक्टोरल बॉण्ड से 13 हज़ार करोड़ रूपये किसने दिए.

कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले भाजपा को अपनी फंडिंग का स्रोत बताना चाहिए उसके बाद ही उसे किसी से भी फंडिंग का स्रोत पूछने का अधिकार है.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मदरसों से पहले दलितों और पिछड़ों को पढ़ने का अधिकार नहीं था. इसी तरह ईसाई मिशनरियों के आने से पहले आदिवासियों के लिए स्कूलों के दरवाजे बन्द थे.

उन्होंने कहा कि मनुवादी व्यवस्था की पक्षधर आरएसएस और भाजपा मदरसों और मिशनरी स्कूलों की छवि खराब करने की कोशिश करते रहते हैं.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मदरसों के सुचारु संचालन के लिए इंडिया गठबंधन की सरकार बनवाना सभी की सामूहिक ज़िम्मेदारी है.

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