नई दिल्ली | चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी को एक एडवाइज़री जारी की है और प्रधानमंत्री पर टिप्पणी बचने को कहा है.
आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कुछ टिप्पणियों से संबंधित मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश और उनके जवाब सहित सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद उन्हें भविष्य में अधिक सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी है.
आदर्श आचार संहिता के हवाले से चुनाव आयोग ने एडवाइजरी जारी करते हुए यह चेतावनी भीदी है कि किसी भी उल्लंघन के लिए पार्टियों, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी करने पर उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि जिन स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को पहले नोटिस मिल चुकी है, उन्हें आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन के लिए कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
इसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. लोगों ने सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या यह एडवाइज़री केवल विपक्ष के नेताओं के लिए है.
आयोग ने राहुल गांधी को इससे पहले पिछलेे साल 23 नवंबर को नोटिस जारी किया था, जिस समय पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहा था.
ज्ञात हो कि राजस्थान में एक रैली के दौरान 22 नवंबर को राहुल ने प्रधानमंत्री के संदर्भ में ‘पनौती’ और ‘जेबकतरा’ शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए आयोग ने अगले दिन उन्हें नोटिस जारी किया था.
भाजपा द्वारा राहुल गाँधी की इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया की गई थी और प्रधानमंत्री के अपमान का आरोप भी लगाया था.
प्रधानमंत्री के खिलाफ इस प्रकार की टिप्पणी का मामला बाद में दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा, हाईकोर्ट चुनाव आयोग को इस पर आठ सप्ताह में निर्णय लेने को कहा था.
रिपोर्ट के अनुसार निर्वाचन आयोग ने विचार-विमर्श के बाद राहुल को एडवाइज़री के रूप में चेतावनी दी है. आयोग ने कहा है कि राहुल गाँधी आगे से प्रधानमंत्री पर इस प्रकार की टिप्पणी से बचें.